यमन की उच्च राजनीतिक परिषद के सदस्य मोहम्मद अली अल-हौसी ने कहा है कि यमन ग़ज़्ज़ा की नाकेबंदी और मानवीय सहायता के रोके जाने की कड़ी निंदा करता है और युद्धविराम के लगातार उल्लंघनों के लिए तीसरे पक्षों और अमेरिका को जिम्मेदार मानता है।
अल-हौसी ने फिलिस्तीनी संगठन जिहाद-ए-इस्लामी के शहीदों पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि उन बलिदानों की कीमत अल्लाह के यहाँ महान है और यमन उस के विजय के वादे पर विश्वास रखता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यमन सीजफायर को लेकर दुश्मन की हरकतों की निरंतर निगरानी कर रहा है और यदि कोई लक्ष्मण रेखा पार करने की हिम्मत करेगा तो यमन पूरी ताकत के साथ उसका जवाब देने के लिए तैयार है।
अल-हौसी ने ज़ोर दिया कि यमन की सशस्त्र सेनाएँ ज़ायोनी शासन की किसी भी उकसावे वाली हरकत" का प्रभावी जवाब देने के लिए चौकस हैं।
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